सोमवार, 3 अप्रैल 2017

रोमियो, नुक्कड पर कम और उॅचे पदों पर ज्यादा है।

पहली नजर में यू0पी0 के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की कार्यशैली से असहमति दिखाई नहीं दे रही है, कम से कम विरोध तो दिखाई नहीं दे रहा है। हांलाकी उनका यह तरीका कारगर हो पायेगा ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है। सडकों पर छेडखानी करने से रोकने पर किसी को कैसे एतराज हो सकता है? लेकिन क्या यह काम केवल पुलिस का ही है कि वह छेडखानी रोके? सडकांे की जाने वाली छेडखानी को इस तरह रोकने का दावा करने वाले लोगों को कास्ंिटग काउच से लेकर उस पूरी व्यवस्था पर जवाब देना होगा जहॉ कांग्रेस का समय तत्कालीन एक केन्द्रीय मंत्री महिला जज से प्रोन्नति के बदले आपत्तिजनक व्यवहार कर रहा था और यह उस महिला की रजामंदी से हो रहा था। राजनीति में यदि आज महिलाओं का प्रतिशत बहुत असंतोषजनक है तो इसके पीछे यही मनोवृत्ति काम करती है। जमीनी धरातल पर उन्हीं महिलाओं को आगे आने दिया जाता है जो या तो प्रभावशाली हों या फिर समझौतापरस्त हों, कितने बडे स्तर पर इस तरह के रोमियो राजनीति और दूसरे उॅचे पदों पर है इसका कोई अनुमान ही नहीं लगाया जा सकता है। लगभग हर महिला को किसी न किसी मान्यवर जिसे सभ्य भाषा में गॉड फादर भी कहा जाता है के सहारे की जरूरत होती ही है। आप पार्टी के नेताओं ने पंजाब चुनावों में कैसी अराजकता की, इसे सारी दुनियां जानती है, इसी पार्टी का एक कथित साहित्यकार, कवि और प्रवक्ता की हैसियत रखने वाला व्यक्ति किस तरह महिला कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दे रहा था इसे सारी दुनियां ने देखा  इस लम्पट ने एक महिला कवियित्री को मंच से उस समय सरेआम  कहा कि एक महीना तो जेठ का भी होता है जब कवियित्री ने इसे टोकते हुए कहा कि आप मेरे जेठ समान हैं। ऐसे प्रतिष्ठित लम्पटों के क्या उपचार है योगी जी के पास?   इसलिए एन्टी रोमियो अभियान की की जरूरत से तो इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन इस तरह का अधकचरा विचार लेकर आप कितना समाज सुधार कर पायेगें यह जाहिर है।  आपको पता ही नहीं है कि आप करना क्या चाहते हैं। आपको भक्ति का पता नहीं है लेकिन मन्दिर के नाम पर वोट कैसे बटोरे जा सकते हैं इस आर्ट में आप माहिर हैं।  आपको यह पता नहीं कि हिंसा क्या है? या गाय का हमारे जीवन में क्या महत्व है? हमारा समाज आदिम, क्रूर और वहशी होता जा रहा है इसके सैकडों उदाहरण हैं हमें बुनियाद से ही शुरूआत करनी होगी। जानवर काटे जांए यह गलत है। लेकिन आदमी ना काटे जा सके हमें पहले यह सुनिश्चित करना होगा। आप किसी भी तरह समाज का धुव्रीकरण करने में सफल हो जाते है। यह आपकी कुशलता है लेकिन सफलता पाने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। इतने भर से काम नहीं चलेगा!




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