सोमवार, 27 मार्च 2017

छेडखानी करने वाला लम्पट तो है लेकिन वह रोमियो कैसे हो सकता है?

एन्टी रोमियो आपरेशन शुरू होते ही यू0पी0पुलिस महानिरीक्षक और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को कुछ नसीहतें जारी करनी पडी जिस तरह की रिपोर्टें आ रही थी उससे लगने लगा था कि रोमियो से ज्यादा पुलिस पर अंकुश लगाने की जरूरत हो गयी है अन्यथा दूसरी तरह की अराजकता फैलने का अंदेशा पैदा होने लगा था। इसलिए इन्हें चेतावनी जारी करनी पडी कि पुलिस वाले किसी को नाजायज परेशान ना करें। यह विचित्र स्थिति बनती जा रही है कि अब रोमियों की बजाए पुलिस को ज्यादा समझाना पड रहा है। जहॉ तक एन्टी रोमियो अभियान की बात है तो सवाल उठ सकता है कि फिर एन्टी जूलियट अभियान क्यों नही ंचलाया जाना चाहिए?  मनचलों की तरह ही हाईवे पर वैश्यावृति, होटलों में कॉलगर्ल और सडकों पर मनचलियां भी काफी सक्रिय हैं। गुण्डागर्दी करने का उनका तरीका दूसरा है, लेकिन वे भी समस्यायें पैदा करती हैं। महिलाओं की बडी संख्या देह व्यापार में सक्रिय है इस तथ्य को झुठलाने की कोशिश बेईमानी है। वास्तव में किसी भी तरह की गुण्डागर्दी और अराजकता एक बडी समस्या है, चाहे वह महिला करे या पुरूष, इस धर्म का करे या उसे धर्म का, इस जाति का करे या उस जाति का हमें इन पचडों में फॅसने की बजाए समस्या पर बात करनी चाहिए। सैक्सुअली फ्रस्टेट लोगों के साथ साथ सडकों पर गुण्डागर्दी पर रोक लगाई जानी चाहिए। उस पर रोक लगाने की बजाए हम लडके-लडकियों तक ही बात करें कि वे गुण्डागर्दी कर रहे हैं यह अर्धसत्य है जो कि असत्यों से भी खतरनाक है। यह तथ्य ठीक है कि गुण्डागर्दी का सडक में खुलेआम प्रदर्शन बहुत सारी समस्याओं को पैदा करता है लेकिन इसे केवल इसी नजरिए से देखना किसी की भी समझ से परे है कि गुण्डागर्दी, लफंगागिरी और लम्पटपन केवल सैक्सुअल एक्टिविटी है इसके दसियों आयाम हैं।  लूट-मार, हत्यायें, डराना-धमकाना, हिकारत से देखना और अपमानित करना ये सभी गुण्डागर्दी है और सडकों पर खुलेआम होती है। लगभग हर ताकतवर अपने से अपेक्षाकृत कमजोर के साथ इसी तरह की गुण्डा गर्दी करता है। कभी आप रोमियो को रोकेगें और कभी आप जूलियटों को रोकगें इससे समस्या हल नहीं होगी और सारा प्रयास लोकप्रियता पाने का भौंडा प्रयास ही साबित हो जाऐगा। जब तक आप मूल समस्या को नहीं रोक पाते हैं तब तक आप मवाली और लम्पटों को पुलिस कार्यवाही से रोकने की कोशिश करेगें पुलिस फोर्स का केवल इस तरह इस्तेमाल करना नासमझी की हद है।



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